समाचार सुर्खियों में वाशिंगटन सुंदर। वाशिंगटन सुंदर एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर के रूप में क्रिकेट खेलते हैं वाशिंगटन सुंदर ने 16 एकदिवसीय मैच खेले और 9 पारियों में 233 रन बनाए। वाशिंगटन का वनडे में सर्वोच्च स्कोर 51 है। वाशिंगटन ने 36 टी20 मैच, 51 आईपीएल मैच खेले हैं। भारत के इस होनहार खिलाड़ी का जीवन संघर्षों से भरा है।
जन्म से बहरे हैं सुंदर वाशिंगटन सुंदर नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी कम ही लोग जानते हैं कि सुंदर एक कान से बहरे हैं और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे जन्म से ही इस समस्या से जूझ रहे हैं। कहा जाता है कि वाशिंगटन सुंदर को पांच साल की उम्र में इस विकार का पता चला था। इस समस्या को लेकर उसके माता-पिता डॉक्टर के पास गए, लेकिन उन्हें कोई हल नहीं मिला।
ऐसा रहा अंतरराष्ट्रीय करियर: कान की समस्या ने कभी भी खेल में उनके मूड को प्रभावित नहीं किया और उन्होंने खेलना जारी रखा। हालांकि उन्हें कान की इस समस्या के कारण कई बार परेशानी में भी देखा गया है, फिर भी वह खेल में इसे बना लेते हैं।
सुंदर के नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी वाशिंगटन सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर 1999 को तमिलनाडु में हुआ था।उनके पिता का नाम एम सुंदर है। सुंदर नाम उन्हें उनके पिता ने दिया था। वाशिंगटन के पिता ने एक मित्र और संरक्षक के सम्मान में अपने बेटे का नाम वाशिंगटन सुंदर रखा।
वैहिंगटन के पिता ने कहा, “ट्रॉप्लिकेन में मेरे घर से दो गलियाँ, पी.डी. वाशिंगटन के पूर्व सैनिक वहां रहते थे। वाशिंगटन को क्रिकेट का बहुत शौक था और वह हमें खेलते हुए देखने आया था।
बेहद गरीबी में बीता वाशिंगटन के पिता का जीवन सुंदर के पिता ने कहा, “मैं गरीब था और अपनी स्कूल की फीस चुकाता था, मुझे किताबें दिलवाता था, मुझे बाइक की सवारी के लिए ले जाता था और हर समय मुझे प्रोत्साहित करता था। मैंने उस व्यक्ति की याद में अपने बेटे का नाम वाशिंगटन रखने का फैसला किया जिसने मेरे लिए इतना कुछ किया।
वाशिंगटन सुंदर की शिक्षा वाशिंगटन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट लुइस में प्राप्त की। ब्रैड एंग्लो इंडियन सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई। वाशिंगटन सुंदर ने बचपन से ही क्रिकेट में रुचि दिखाई। उन्हें क्रिकेट खेलना पसंद था। इन्हीं वजहों से उन्होंने आगे की पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट में अपना करियर बनाया।